अखबार का सालाना मजाक
होली जैसे जैसे पास आ रही है वैसे ही एक अखबार ने अपना पुराना राग गाना शुरू कर दिया है ...सूखी होली खेलो और पानी बचाओ ...सिर्फ यह दिखाने के लिए की हम सिर्फ व्यापारी ही नहीं हैं हमारा सामाजिक योगदान भी है
क्या वाकई ...
क्या सिर्फ साल में एक बार आने वाले त्योंहार में वाकई इतना पानी खराब हो जाता है तो
रोज हजारों घरों के खराब नलों द्वारा बूंद-बूंद टपकने वाले पानी का आंकड़ा तो अविश्वसनीय है...यहाँ देखें
इससे भी ज्यादा खौफनाक आँकड़ा है आधुनिकता के नाम पर लगाये टॉयलेट-फ्लश का ...एक बार में 15 लीटर पानी ...यहाँ देखें ...अब जरा इसका रोज और महीने का अंदाजा लगाइए...?
फिर आधुनिकता का एक और नुकसान बाथ-टब, एक औसत 5ft बाथ-टब में करीब 227.1247068 लीटर पानी भरा जा सकता है,
और शॉवर से नहाने पर, रोज कार ( 90 लीटर ) इत्यादि सीधे पाइप से धोने पर आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते और वॉशिंगमशीन को मत भूलियेगा ...पानी बर्बाद करने में इसका भी बहुत बड़ा हाथ है
अब एक और तथ्य ...पानी में जाने वाले रसायनों का
यह सही है की हमें होली में रसायनों वाले रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, पर बिना हानिकारक रसायन युक्त भी काफी रंग बाजार में मौजूद हैं ...जैसे की प्राकृतिक रंग
और क्या सिर्फ यही रसायन हैं ...जो पानी को प्रदुषित करतें हैं तो उन रसायनों का क्या जो हम साबुन,शेम्पू और कई तरह के क्लीनर के रूप में रोजाना पानी में बहातें हैं ...
कुछ और तथ्य :-
पुरे विश्व में मुस्लिम और ईसाई देश सबसे अधिक है और सबसे अधिक मॉस का उपयोग करते हैंएक दिन में कई लाख टन मॉस ये लोग भक्षण कर जाते है ,, भारत में भी सभी प्रकार के मांस का प्रयोग बड़ी संख्या में किया जाता है लघभग 12000 टन रोजाना ||
अब यदि सब्जी और मॉस की तुलना करे तो 1 किलो सब्जी अच्छी तरह से धोने में करीब करीब एक लीटर पानी खर्च हो जाता है एक किलो मॉस को अच्छी तरह धोने में लघभग 9 लीटर पानी खर्च होता... है || अब भारत में 12000 टन मॉस को धोने के लिए लाखो लीटर पानी बर्बाद हो जाता है लाखो जानवर जिंदगियों से हाथ धो बैठते है वो अलग पुरे विश्व का पानी मिलाये तो करोडो लाख लीटर पानी केवल मांस धोने में बर्बाद हो जाता है करोडो जानवरों की जिंदगी के साथ ||
और जो लोग जागरूक हैं उनके लिए --
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